मोबाइल फोन के फायदे और नुकसान, क्या इसके फायदे हैं? और क्या इसके नुकसान हैं? Mobile फोन के देखने से क्या लाभ, मोबाइल फोन के क्या फायदे हैं? फोन हमारे लिए क्यों जरूरी है? क्या यह अभिशाप या वरदान है? इस पर एक मिनी निबंध आप जानेंगे, पोस्ट को पूरा पढ़ें यह मोबाइल फोन के फायदे और नुकसान (Mobile Ke Fayde Aur Nuksan) को आप अच्छी तरह से जान जाएंगे, चलिए तो शुरू करें।
मोबाइल वरदान और अभिशाप (Mobile Phone Ke Fayde Aur Nuksan)
में यह एक दृष्टि से तकनीक में मशीनीकरण एवं प्रौद्योगीकरण (Mechanization And Technology) दोनों हैं। दूसरी दृष्टि से यह दोनों का निषेध भी करती है। औद्योगीकरण तथा मशीनीकरण इत्यादि वैज्ञानिक आविष्कारों पर आधारित जीवन-पद्धतियाँ थीं लेकिन तकनीकीरण के अंतर्गत पद्धतियों में ही जीवन का आकलन होता है।
इसे यूँ समझा जाए कि विज्ञान के युग में जीवन साध्य था, मशीनें साधन। लेकिन अब तकनीक के युग उलट गया है। यानी तकनीक साध्य है और जीवन साधन। इस विषय में किसी विद्वान ने सत्य ही कहा है, ‘वर्तमान तकनीक उस बुलडोजर की तरह है जिसकी सीट पर कोई ड्राइवर नहीं।’
वर्तमान मोबाइल तकनीक
Mobile वर्तमान तकनीक का सबसे सशक्त माध्यम है। जीवन के लिए यह बहुविध वरदान इसलिए सिद्ध हो पा रहा है कि आज इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। संचार सुविधा के साथ-साथ इसने अनेक रूपों में वर्तमान जीवन को प्रभावित किया है। गाँव, कस्बे, उपनगर, नगर, महानगर की सीमाओं और अवधारणाओं में इसने जबरदस्त दखलंदाजी की है। न सिर्फ इनकी दूरियाँ मिटी हैं बल्कि परस्परता में अपार वृद्धि हुई है।
मोबाइल के आविष्कार (Mobile Ka Avishkar) ने सचमुच मनुष्य की गतिविधियों को बहुत गहराई से प्रभावित किया है। न सिर्फ मनुष्य की गति में वृद्धि हुई है, बल्कि प्रगति के नए-नए प्रतिमान भी उसने स्थापित किए हैं। वर्तमान समय में मोबाइल तथा मीडिया चैनल के बहुआयामी स्वरूप में तब्दील हो गया है। अब मोबाइल पर मीडिया उपलब्ध है।
मोबाइल के प्रति लोगों का रुझान (Mobile Ki Prati Rujhan)
आगमन से अल्फा उपयोगकर्ता या केन्द्रों का पता लगाने और उन्हें पहचानने का अवसर उत्पन्न हुआ है, जो किसी भी सामाजिक समुदाय का सबसे अधिक प्रभावी सदस्य हैं, ए.एम.एफ. वैचर्स ने सन् 2007 में तीन मास मीडिया के सापेक्ष सटीकता का मापन किया और पाया कि लोगों का मोबाइल के प्रति रुझान इंटरनेट से सौ गुना और टी.वी. से 90 गुना अधिक हो गया है।
सेलफोन (Mobile) के साथ गोपनीयता के कई मुद्दे जुड़े हैं और नियंत्रित रूप से सरकारों द्वारा निगरानी हेतु उपयोग किए जाते हैं। यू.के और अमेरिका में कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेन्सी के पास ऐसी तकनीक विकसित हो चुकी है जो दूर से ही माइक्रोफोन (MicroPhone) को सक्रिय करके फोन करने वाले व्यक्तियों के वार्तालाप सुन सके। यूँ तो सामान्यतः मोबाइल फोन (Mobile Phon) भी स्थान डेटा एकत्र करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वरदान के रूप में मोबाइल (Mobile Phone Ki Fayde)
वरदान (Fayde) के रूप में मोबाइल ने एक तरफ जहाँ समस्त राष्ट्रीय हदों को पार कर लिया है, वहीं दूसरी तरफ गाँव-गाँव के गली कूचों में इसने अपनी सनद चस्पा कर दी है। सबसे बड़ी ध्यान देने की बात यह है कि इसकी लोकप्रियता नई पीढ़ी, मोबाइल से पैसे कैसे कमाए, खासकर बच्चों में ज्यादा है।
अब बुजुर्गों के लिए भी मोबाइल संपर्क (Mobile Contact) के साथसाथ मनोरंजन का साधन होता जा रहा है। 3जी (3G) तकनीक एवं मल्टी मीडिया संस्कृति के जरिए मोबाइल ने एक ऊँची उड़ान भरी है। 1998 से ही मोबाइल फोन एक मीडिया चैनल बन गया है।
फिनलैंड (Finland) में रेडियो लिंजा (Radio Linja) द्वारा जब से रिंगटोन की बिक्री शुरू की गई इसके अलावा समाचार, वीडियो गेम, चुटकुले, जन्मपत्री, टी.वी. सामग्री, नेट से जुड़ जाने के कारण मोबाइल ने मल्टी मीडिया की सारी तरकीबें अख्तियार कर ली हैं।
मोबाइल फोन अभिशाप (Mobile Phone Ke Nuksan)
किसी भी वस्तु के दो रूप होते हैं-सकारात्मक एवं नकारात्मक (Fayda Aur Nuksan) मोबाइल भी इसका अपवाद नहीं है। वरदान (Fayde) के तौर पर इसने ख्वाबों को हकीकत के धरातल पर प्रतिष्ठित किया है, वहीं कुछ विकृतियों को जन्म भी दिया है।
सबसे बड़ी विकृति। स्वास्थ्य सम्बंधी (Health Related) है। मोबाइल फोन (Mobile Phone) चुम्बकीय विकिरण प्रक्रिया से पूर्ण होता है। लंबे समय तक इस्तेमाल होने पर कैंसर (Cancer) जैसी खतरनाक बीमारियों को जन्म भी दे सकता है।
इसके अलावा स्नायु विकारों (Nervous Disorders) , मनोरोगों एवं रक्त संचार प्रक्रिया को प्रभावित करने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मोबाइल का इनबॉक्स (Mobile Inbox) कालम ऐसे-ऐसे संदेशों, सूचनाओं से आक्रान्त होता में एकरसता व ऊब न आने पाए।
वर्तमान तकनीक की खासियत (Mobile Taknik)
स्नायविक तनावों के साथ-साथ हमारे सामाजिक सरोकारों पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। छल एवं अवास्तविक आकर्षण के पीछे-पीछे चलने को विवश आज की युवा पीढ़ी मोबाइल के प्रति असीम लालसाओं से आक्रांत है।
वर्तमान Mobile तकनीक की खासियत यह है कि चीजें बहुत जल्दी-जल्दी बासी होती हैं इसलिए ताजगी को अनवरत परोसते जाने की भी सीमाएँ हैं। मोबाइल की पीढ़ियों में जल्दी-जल्दी बदलाव इस बात का प्रमाण है।
फर्ज कीजिए 20 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मोबाइल की पीढ़ी (1G) ने महज कुछ ही वर्षों के उपरान्त द्वितीय पीढ़ी का रूप ग्रहण कर लिया। फिर तृतीय पीढ़ी (3G) की सीमाएँ निर्धारित हो चुकी हैं और चतुर्थ यानी 4G की दस्तक की शुरुआत के पीछे सिर्फ तर्क यही है कि,
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उपभोक्ताओं सेल्युलर (Mobile) की अवधारणाओं में इस प्रकार के दैनिक परिवर्तन स्वस्थ तो नहीं कहे जा सकते। इस प्रलोभनीय एवं गोपनीय अभिशाप से मुक्ति के उपाय कदाचित भविष्य में संभव हो सके, ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
निष्कर्ष
आपने ऊपर मोबाइल फोन के फायदे और नुकसान (Mobile Ke Fayde Aur Nuksan) के बारे में जाना, क्या हमारे लिए मोबाइल फोन फायदा है? और क्या उसके नुकसान है? आदि चीजों की महत्त्वपूर्ण जानकारी पड़ी, आशा है आपको यह जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी।
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