सेलुलर फोन (cellular phone) का आविष्कार कब और किसने किया? मोबाइल फोन का आविष्कार

सेलुलर फोन (cellular phone) (मोबाइल फोन) का आविष्कार: हाय दोस्तों नमस्कार So Work में आपका स्वागत है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सेलुलर फोन (cellular phone) का आविष्कार (मोबाइल फोन का आविष्कार) कब और किसने किस वर्ष में किया? मोबाइल फोन के जनक कौन हैं? और cellular phone का हिन्दी अर्थ क्या होता है? आदि तमाम जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे। पोस्ट को पूरा पढ़ें जो भी आप मोबाइल यूज़ करते हैं उसके इतिहास के बारे में जान सकते हैं तो चलिए स्टार्ट करते हैं।

सेलुलर फोन (cellular phone) का आविष्कार

सेलुलर फोन मीनिंग इन हिन्दी (Cellular Phone In Hindi)

दोस्तों सबसे पहले हम जानते हैं कि Cellular का मतलब क्या होता है? सेल्यूलर मतलब =मोबाइल फोन इसको हम Mobile phone कहते हैं। Cellular का हिन्दी मीनिंग “मोबाइल” होता है phone का मतलब आप जानते ही हैं कि फोन होता है। मोबाइल को हम और भी अन्य नाम से कह सकते हैं जैसे कि Cell phone सेल फोन भी कहते हैं, cellular phones=सेलुलर फोन, Mobile phone= मोबाइल फोन आदि नाम से पुकार सकते हैं तो आप सेल्यूलर फोन का हिन्दी मीनिंग भली-भांति जान गए होंगे, आपने अभी सेलुलर फोन का हिन्दी अर्थ जाना अब हम सेल्यूलर एनी मोबाइल फोन के बारे में जानते हैं इसका इतिहास क्या है?

नए युग की आहट मोबाइल फोन (सेलुलर फोन)

दोस्तों अब हम जानते हैं सेल्यूलर एनी मोबाइल फोन के बारे में जैसे कि आप जानते हैं कि, दूरसंचार सेवाओं के क्षेत्र में सेल्युलर फोन अथवा मोबाइल का आगमन एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। यह दूरसंचार की एक विकसित प्रणाली है जो यात्रा के दौरान भी टेलीफोन की सुविधा उपलब्ध कराती है।

वॉकिंग-टॉकिंग के तौर पर इसे मोबाइल कहा गया। मोबाइल रेडियो तकनीक पर आधारित है। इसमें संदेशों का संप्रेषण रेडियो तरंगों के माध्यम से होता है। सेल्युलर फोन सम्बंधी विचार सन् 1947 में सर्व प्रथम अमेरिका की बेल लेबोरेट्रीज के इंजीनियर डी. एच. रिंग ने दिया था।

लेकिन इस प्रणाली का उपयोग सन् 1978 ई. में तब प्रारंभ हुआ जब बेल लेबोरेट्रीज ने इसे व्यावहारिक रूप प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक चलती फिरती दूरभाष सेवा की तकनीक विकसित की। धीरे-धीरे सेल्युलर (मोबाइल) फोन विश्व के अधिकांश देशों की दूरसंचार सेवा का एक महत्त्वपूर्ण अंग बनता गया।

सर्व प्रथम प्रयोग सेल्युलर (मोबाइल) फोन

सन् 1926 में बर्लिन और हैम्बर्ग के बीच यात्रा करने वाले प्रथम श्रेणी रेलयात्रियों द्वारा रेडियो टेलीफोन का प्रयोग किया गया। लगभग उसी समय हवाई यात्रा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी इसका उपयोग प्रारंभ हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जर्मन टैंकों द्वारा विशेषकर ब्रिटिश जोन में नियुक्त जर्मन पुलिस अधिकारियों के द्वारा रेडियो टेलीफोन का इस्तेमाल इस बात को प्रमाणित करता है कि रेडियो तरंगों के माध्यम में दूरभाष की तत्कालीन तकनीक ने किस प्रकार सेल्युलर फोन की पृष्ठभूमि तैयार की।

रेडियो तकनीक विकसित होते जाने के क्रम में सन् 1940 में अमेरिकी कंपनी मोटोरोला द्वारा द्विपथी रेडियो (Two way Ra; प्रकाशित की गई। इसका सर्व प्रथम प्रयोग अमेरिकी मिलिट्री द्वारा किया गया।

मोबाइल टेलीफोन का आविष्कार

जिसके फलस्वरूप सन् 1946 में सेंटलुइस ने मोबाइल टेलीफोन का आविष्कार किया। तब रेडियो मोबाइल की पहुँच पेट्रोल गाड़ियों तक ही सीमित थी। यह सेवा क्षेत्रीय टेलीफोन नेटवर्क से सम्बद्ध होने के कारण 20 किमी। से अधिक का एरिया कवर कर पाने में सक्षम नहीं थी।

Cellular Phone (मोबाइल) फोन का निर्माण

सन 1950-1954 के बीच सेल्युलर फोन की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक सेवाएँ प्रारंभ हुई। सन् 1957 में मास्कों के एक युवा इंजीनियर लियोनिद क्युप्रिया नोविच ने पोर्टेबल मोबाइल फोन का निर्माण किया।जिसे एल. के.-01 कहा गया। यह सेट 3 किलोग्राम का 20 से 30 किमी0 का एरिया कवर करने में सक्षम था।

आगे चलकर इसें और सूक्ष्म बनाया गया और इसका वजन 500 ग्राम तक रह गया। 1964 में मोबाइल टेलीफोन सेवा प्रारंभ हुई, जिसका उद्देश्य पब्लिक नेटवर्क के जरिए अधिक से अधिक लोगों तक यह सुविधा प्रदान करना था।

सेल्युलर (Mobile) सम्बंधी इलेक्ट्रॉनिक्स विकसित

बेललैब के 200 इंजीनियरों के साथ काम करते हुए फ्रैंकेल एवं एंजेल ने विभिन्न शहरों को छोटे-छोटे कवरेज एरिया में बाँटने का निश्चय किया जिसे सेल कहा गया। सेल्युलर मोबाइल सेल की इसी अवधारणा पर निर्भर है। सन् 1947 ई. में डगलस एस. रिंग और डब्ल्यू रे यंग ने वाहनों के लिए षट्कोणीय सेल्स वाले मोबाइल फोन की अवधारणा विकसित की।

इसी लैब के दूसरे इंजीनियर फिलिप टी. पोर्टर ने इस अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए इतना और जोड़ दिया कि सेल्स-टावर को केन्द्र में होने के बजाय षट्कोणीय होना चाहिए, जिससे निर्दिष्ट एंटिना के जरिए तीन तरफ से सूचना संदेशों का प्रसारण किया जा सके। इन्हीं वैज्ञानिकों के प्रयोगों एवं निष्कर्षों के आधार पर सन् 1960 ई. में रिचर्ड्स एस. फ्रैंकेल ने सेल्युलर सम्बंधी इलेक्ट्रॉनिक्स विकसित की।

एडवांस्ड मोबाइल (सेल्युलर) फोन सिस्टम

उपर्युक्त सभी प्रणालियों में एक स्टेशन के माध्यम से निश्चित सीमा तक ही मोबाइल फोन की पहुँच थी। दूरभाष तकनीक पूर्णत: विकसित न होने के कारण ध्वन्यावृत्ति या ध्वनिकंपन के पुनर्प्रयोग की पद्धति प्रचलित नहीं थी। सन् 1970 में बेललैब के ही इंजीनियर एमॉस ई. जौएल ने ऑटोमैटिक कॉल हैंड ऑफ प्रणाली विकसित की।

इस प्रणाली के तहत मोबाइल फोन बिना किसी रुकावट के वृहद् के क्षेत्रों को प्रभावित करने में सफल हो सका। 1971 में एटी और टी (AT & T) कंपनी के द्वारा फेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन (FCC) के समक्ष सेल्युलर सेवा का प्रस्ताव रखा गया।

कई वर्षों तक अध्ययन परीक्षण के उपरान्त कमीशन ने सन् 1982 ई. में इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इसे एडवांस्ड मोबाइल फोन सिस्टम (AMPS) का नाम दिया गया।

Apple iPhone

इसकी आवृत्ति क्षमता 824-894 एम. एच. जेड बांड में थी। यही (AMPS) सिस्टम सन् 1990 में डिजिटल तकनीक के रूप में सामने आया और मोबाइल फोन की यात्रा ने व्यावसायिकता का रूप धारण किया।

Nishkarsh

दोस्तों आपने सेलुलर फोन (cellular phone) का आविष्कार के बारे में, यानी मोबाइल फोन की शुरुआत के बारे में जानकारी पड़ी।यदि आप टेलीफोन के बारे में जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप टेलीफोन से रिलेटेड जानकारी पढ़ सकते हैं ।आशा है आपको जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद।

और अधिक पढ़ें:

1- टेलीफोन का अर्थ परिभाषा और इतिहास क्या है? जाने Telephone ka Arth Aur Paribhasha
2- भारत में दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत कब और कहाँ? Bharat me doorsanchar Sevaye