जिसकी सहायता से हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नज़दीक ना जाकर भी उनसे बातचीत कर सकते हैं। मोबाइल की खोज किसने की, mobile phone क्या आपको पता है mobile ki khoj-mobile phone kisne banaya, मोबाइल फ़ोन का आविष्कार कब और कहाँ हुआ? इसके अविष्कारक कौन थे? जाने-विश्व के पहले mobile phone को किसने बनाया था और कब आविष्कार किसने किया? अगर आपको भी यह नहीं पता तो इस post को देखने के बाद आप यह जान पाएंगे कि पहला मोबाइल फ़ोन कब और कहाँ बनाया गया था और इसे बनाने वाले व्यक्ति कौन थे? लक्जरी मोबाइल फ़ोन कहा बना कैसे?

मोबाइल फ़ोन सर्वप्रथम बनाया (Mobile Phone)
क्या आपको किसी अज्ञात टेलीफोन नंबर से कॉल आया है और आपके दिमाग़ में सबसे पहला फ़ोन आता है कि यह फ़ोन नंबर किसका है? कई बार आपको ऐसी कॉल आती है जो आपको परेशान करती है और आप यह पता लगाना चाहते हैं कि फ़ोन नंबर किसका है।
ऐसे समय होते हैं जब कॉल (call) के दूसरे छोर पर मौजूद व्यक्ति केवल एक बेवकूफ होता है, जिसका एकमात्र इरादा आपको परेशान करना होता है जो आपके फ़ोन नंबर का प्रश्न आपके दिमाग़ में लाता है।
हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ज़्यादा समय नहीं बिता पाते इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि कभी हमें ऑफिस (office) से छुट्टी नहीं मिलती तो कभी थकान की वज़ह से हम कहीं नहीं जाना चाहते सदी में विज्ञान ने ऐसा अनोखा उपकरण दिया है।
कृषि क्रांति, औद्योगिक क्रांति से सूचना क्रांति के इस उपकरण ने मानव जीवन पर गहरा असर डाला है। लेकिन क्या आपको मालूम है पूरे विश्व को समीप ला देने वाले इस Mobile phone ka aviskar kisne kiya? तो हम बता दे कि सर्वप्रथम इसको 3 अप्रैल 1973 को अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर (Martin Cooper) ने बनाया था।
मोबाइल फ़ोन का मतलब (mobile phone meaning)
Mobile का मतलब है कि आप अपना कार्य जहाँ चाहे ले जा सकते हैं, चाहे आप घर में हों, हवाई जहाज़ में बैठे हों, Hotal में हों, चाहें कहीं दूर, आप इसके फायदे वहाँ बैठ कर उठा सकते हैं, चाहे आपको बात करनी हो या,
अपने मोबाइल को Computer से जोड़कर कोई नई फाइल या फोल्डर खोलना हो या फिर कुछ आंकड़ों का आदान-प्रदान करना हो या E-mail भेजना हो या देखना हो, मोबाइल के जरिये आप दुनिया भर की सूचनाएँ अपने साथ ले जा सकते हैं, देख सकते हैं व उनका प्रयोग जहाँ चाहे वहाँ कर सकते हैं।
दोस्तों, पूरा विश्व आज एक परिवार का रूप ग्रहण कर चुका है और हालत यहाँ तक पहुँच गयी है कि कोई भी व्यक्ति World के किसी भी हिस्से में स्थित दूसरे आदमी से पलभर में संपर्क कर सकता है। यह सब मुमकिन हुआ है मात्र एक उपकरण के आविष्कार के कारण और वह है ‘मोबाइल फोन’।

मोबाइल फ़ोन का निर्माण (mobile phone manufacturing)
जबकि वायरलेस का मतलब है कि आपके यंत्र (Computer, Keyboard, Mouse, Printer आदि) किसी विशेष प्रणाली से बिना तार के जुड़े रहते हैं जैसे कि वायरलेस लेन, जी.पी.आर.एस., ब्लूटूथ तकनीक, वाई.फाई. आदि।
ये आधुनिक यंत्रों को बिना तार के तार से जोड़ने का कार्य करते है। आप इनके जरिये अपना E-mail देख व भेज सकते हैं, मनचाहे दस्तावेज दूर बैठकर छाप सकते हैं, जबकि दो यंत्रों के बीच कोई तार या किसी प्रकार का वास्तिवक सम्बन्ध नहीं होता है।
mobile phone का निर्माण मार्टिन कूपर नामक अमेरिकी इंजीनियर ने किया था जिसे उन्होंने 3 अप्रैल 1973 को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था मोबाइल company मोटोरोला के साथके साथ मिलकर इस मोबाइल phone का निर्माण किया था। जिसके लिए उन्हें साल 2013 में मारकोनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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भारत में पहली मोबाइल फ़ोन (first mobile phone in india)
भारत में पहली गैर व्यवसायिक Mobile phone वन सेवा की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को दिल्ली में हुई थी। मोबाइल फ़ोन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य आज भले ही हम हल्के और स्लिम मोबाइल के इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन जिस Mobile से पहले कॉल की गई थी उसका वज़न 1.1 किलोग्राम मोटाई 13 सेंटीमीटर और चौड़ाई 4.45 सेंटीमीटर थी मोबाइल फ़ोन को Charge होने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है और इसकी क्षमता 1 से 2 दिन की होती है।
पहले मोबाइल फ़ोन को पूरी तरह से चार्ज होने में 10 घंटे का समय लगता था। जिसके बावजूद यह सिर्फ़ 20 मिनट तक ही चल पाता था पहले Mobile फ़ोन की बैटरी का वज़न आज की तुलना में 4 से 5 गुना ज़्यादा था साल 1983 में मोटोरोला ने जिस पहले मोबाइल हैंडसेट को बाज़ार में उतारा था उसकी क़ीमत लगभग 200000 थी।
फोन के आविष्कार एवं उपयोग (Invention and use of phone)
टेक्नोलॉजी की शुरुआत फिनलैंड में हुई तुझे टेक्नोलॉजी की शुरुआत के पूरे 10 साल बाद साल 2001 में 3G टेक्नोलॉजी लाया गया जिसे Japan की कंपनी एनटीटी डोकोमो ने शुरू किया था Mobile phone के आविष्कार एवं उपयोग से जुड़ी कुछ रोचक बातें दुनिया के मोबाइल फ़ोन का निर्माण किया था।
जिसे उन्होंने 3 अप्रैल को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था प्रदर्शित किया था। मार्टिन कूपर द्वारा बनाये गए पहले मोबाइल फ़ोन का वज़न लगभग 2 Kg था! एक बार चार्ज होने के बाद उस मोबाइल से 30 मिनट तक बाते कि जा सकती थी।
लेकिन उसे दोबारा चार्ज करने में 10 घंटे का समय लगता था! उस समय उसकी क़ीमत लगभग 2700 अमेरिकी Doller (2 लाख रूपए) थी। आज हर किसी के पास मोबाइल फ़ोन, मोबाइल फ़ोन आज की ज़रूरत बन गया, मोबाइल एप्लिकेशन के साथ व्यवसाय, हम mobile के बिना घर से निकलने की भी नहीं सोचते, इसके कुछ रोचक तथ्य जो सायद आप नहीं जानते।
सबसे पहला मोबाइल फ़ोन बना (first mobile phone)
Motorola का 1973 में John F. Mitchell और Martin Cooper ने दिखाया था जिसका वज़न 2 किलो था। Motorola का DynaTAC 8000x Model व्यावसायिक रूप से 1983 में उपयोग किया गया था 1979 में पहला Automated Cellular Network जापान में शुरू किया था।
ये First-Generation (1G) System था जिसकी मदद से एक बार में कई लोगों आपस में Call कर सकते थे। 1973 में उसे 0G (Zero Generation) मोबाइल फ़ोन कहा जाता था।
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पहले मोबाइल फ़ोन के आविष्कार के 10 साल बाद वर्ष 1983 में मोटोरोला ने आम लोगों के लिए पहली बार मोबाइल Market में लाया जिसका नाम था–Motorola DynaTAC 8000X. एक बार चार्ज होने के बाद इससे 30 मिनट तक बाते हो सकती थी। इसमें 30 मोबाइल नंबर भी save किया जा सकता था और उस समय उसका मूल्य 3995 अमेरिकी डॉलर (295669) रखा गया था।
सबसे पहला सिम कार्ड (first sim card)
सबसे पहला सिम कार्ड सन 1991 में Munich Smart Card Maker Giesecke & Devrient ने Finnish Wireless Network Operator के लिए बनाया था। 1991 में 2G टेक्नोलॉजी Finland में Radiolinja ने शुरू की और उसके पूरे 10 साल बाद 2001 में आया।
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3G जो जापान की कंपनी NTT DoCoMo ने शुरू किया था 1983 से 2014 तक लगभग 700 करोड़ Mobile Phone का उपयोग किया गया 2014 की सबसे ज़्यादा फ़ोन बनाने वाली कंपनी Samsung, Nokia, Apple और LG थी 2014 में दुनिआ के 25% मोबाइल अकेला सैमसंग फ़ोन ने बनाये थे 13% Mobile Nokia ने बनाये थे।
मोबाइल और वायरलेस ये दोनों शब्द एक प्रकार से समान दिखते हुए भी समान नहीं हैं। मुख्य अन्तर इन दोनों के कार्य करने की प्रणाली, व दोनों के अलग-अलग फायदे का है। mobile की विशेषता यह है कि वह घर, दफ्तर, शहर या शहर के बाहर कहीं भी दूर सुनसान जगह आदि में भी कार्य कर सकता है। net fast mobile मोबाइल फ़ास्ट रखे
जहाँ चाहे वहाँ कार्य करने की प्रणाली उपलब्ध है। किसी भी जगह से हम मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं, जबकि वायरलेस / वायरलेस लैन (Local Network) का मतलब है कि दो भिन्न प्रकार के यंत्रों आदि को बिना तार के जोड़ना व उसी प्रकार सामान्य रूप से कार्य करना जैसे कि तारों को जोड़ कर किया जाता हैं।
लक्जरी मोबाइल फ़ोन (luxury mobile phone)
कई मोबाइल phone हैं जो हीरे से जड़ी हैं। हालाँकि क्या आप जानते हैं कि ये फ़ोन कैसे बनाए जा रहे हैं? आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि इनमें से कुछ मोबाइल फ़ोन हाथों द्वारा बनाए जा रहे हैं। यह निश्चित रूप से काफ़ी महत्त्वपूर्ण point है।
क्या आप जानते हैं कि स्विटज़रलैंड (Switzerland) में एक पूरा उद्योग है जहाँ ये लक्ज़री फ़ोन बनाए जा रहे हैं और वह भी हाथों की मदद से। आपको यह तथ्य जानकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन यह निश्चित रूप से सच्चाई है। गोल्डविश भ्रम के बारे में बात कर रहा हूँ।
यह मोबाइल फ़ोन स्विट्जरलैंड में कई ज्वैलर्स द्वारा बनाया गया है। मूल हैंडसेट और भी तैयार किया जाता है, जहाँ हीरे के साथ-साथ सोने की स्टडिंग की जाती है। यह मोबाइल फ़ोन सिर्फ़ एक उदाहरण है। वास्तव में यदि आप सभी लक्जरी फ़ोन पर एक नज़र रखेंगे तो आपको पता चलेगा कि उनमें से 90% हाथ से बने हैं।
लक्जरी मोबाइल फ़ोन का अध्ययन (luxury mobile phone study)
इन लक्जरी Mobile phone का अध्ययन करना एक कला है और आपको निश्चित रूप से उनके क्षेत्र में कई विशेषज्ञ नहीं मिलेंगे। कुछ बहुत पुराने परिवार इस काम में शामिल हो रहे हैं। ऐसा ही एक बाज़ार सूरत में है जो गुजरात (भारत) के शहरों में से एक है।
इस शहर में हीरे के अधिकांश काम किए जा रहे हैं और फिर दुनिया भर में उत्पादों का वितरण किया जा रहा है। यहाँ से आपको बहुत सारे पारंपरिक family मिलेंगे जो इस नौकरी में लगे हुए हैं। इसलिए एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि उदाहरण के लिए इन लक्ज़री फोनों में गोल्डविश भ्रम को हाथ की help से सजाया जा रहा है। मोबाइल क्लीन कैसे
हालाँकि कुछ नवीनतम तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है और यह हस्तनिर्मित नहीं है। जापान, ताइवान और कोरिया जैसे देश कुछ ऐसे देश हैं जहाँ इन मोबाइल फ़ोन से सम्बंधित चिप्स विकसित किए जा रहे हैं। वे ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति थे, लेकिन अब फ्रांस, इंग्लैंड जैसे देशों के साथ-साथ amerika भी चिप्स विकसित करने में काफ़ी शामिल हैं।
भारत में मोबाइल फ़ोन का आगमन (mobile phone arrival in india)
India में मोबाइल फ़ोन का आगमन दुनिया के पहले मोबाइल (DynaTAC 8000X) बनने के 12 साल बाद 31 जुलाई, 1995 को हुआ। मतलब आज से 23 वर्ष पहले। दूरसंचार सेवाओं के विस्तार के लिए भारत में 20 फरवरी, 1997 में ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) की स्थापना की गयी।
भारत में मोबाइल सेवा प्रारम्भ करने का प्रयास वर्ष 1994 के मध्य से ही भारत के उद्यमी भूपेन्द्र कुमार मोदी द्वारा किया जाने लगा था। उन्हीं की कंपनी ‘Modi Telstra’ ने देश में पहली बार मोबाइल सेवा का प्रारम्भ किया तथा पहला मोबाइल काॅल इसी कंपनी के नेटवर्क (जिसे मोबाइल नेट कहा जाता था) पर कोलकता से दिल्ली किया गया था। इसी कंपनी को आगे चलकर ‘Spice Mobiles’ के नाम से जाना गया।
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मोबाइल का इतिहास एक नज़र में (History of mobile)
चालीस साल पहले तीन अप्रैल 1973 को मोटोरोला के इंजीनियर मार्टिन कूपर ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी के एक कर्मचारी को फ़ोन कर मोबाइल फ़ोन पर बातचीत की शुरुआत की थी। इसके क़रीब 10 साल बाद मोटोरोला ने पहला मोबाइल हैंडसेट बाज़ार में उतारा था।
इसकी क़ीमत थी क़रीब दो लाख रुपये आज दुनिया में इसके क़रीब साढ़े छह अरब उपभोक्ता हैं। मोटोरोला के पहले हैंडसेट का नाम था, डायना टीएसी. इसकी बैट्री को एक बार रिचार्ज कर क़रीब 35 मिनट तक बातचीत की जा सकती थी। डायना टीएसी को बाज़ार में उतारने से पहले उसका वज़न क़रीब 794 ग्राम तक कम किया गया।

इसके बाद भी यह इतना भारी था कि इसकी चोट से किसी की जान जा सकती थी। मोबाइल फ़ोन निर्माताओं ने उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को देखते हुए अब हैंडसेट में मेमोरी कार्ड के लिए जगह, फ्लिप स्क्रीन, कैमरा, टच स्क्रीन और यूएसबी पोर्ट जैसी सुविधाएँ देनी शुरू कर दी हैं। भारत, अफ्रीका और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यस्थाएँ मोबाइल फ़ोन का प्रमुख बाज़ार हैं। भारत में हर महीने क़रीब 60 लाख मोबाइल हैंडसेट बिकते हैं।
दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन (world’ s most expensive phone)
दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन स्टॉट ह्यूज डायमंड रोज़ आइफोन 4 है जिसकी क़ीमत 7, 850, 000 डॉलर है। इस फ़ोन में 100 कैरेट के 500 डायमंड लगे हुए हैं। फ़ोन का बैक कवर में रोज़ गोल्ड का बना हुआ है जबकि एप्पल को लोगों 53 डायमंड का बना हुआ है।
नोकिया का 1100 फ़ोन दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला फ़ोन है, पूरी दुनिया में इसके करीब 250 मीलियन यूनिट बिकी थीं। नोकिया ने एस 1100 फ़ोन को 2003 में लांच किया था। सोनिम एक्सपी 3300 (XP3300) फोर्स दुनिया का सबसे मज़बूत smartphone है जिसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है।
इस फ़ोन को 84 फीट की ऊंचाई से फेकने के बाद भी प्रयोग किया गया है। इसके अलावा पानी के अंदर 2 मीटर तक फ़ोन को रखने पर भी इसमें कोई खराबी नहीं आई.सीमेंस ने एसएल 45 (SL45) नाम से दुनिया का पहला म्यूजिक फ़ोन लांच किया था। जिसमें एक्पेंडेबल मैमोरी के साथ एमपी 3 प्लेयर और हेडफोन सपोर्ट भी था।
ब्रिटेन में 2011 में मोबाइल फ़ोन उपभोक्ताओं ने डेढ़ सौ अरब एसएमएस भेजे थे। एसएमएस भेजने वालों में 12 से 15 साल के बच्चों की संख्या अधिक थी। इन्होंने हर हफ्ते औसतन 193 एसएमएस भेजे.दुनिया भर में कहीं भी किसी भी समय लोग एक दूसरे से संपर्क करने के लिए मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करते हैं।
सबसे ज़्यादा बिकने वाले हैंडसेट (best selling handsets)
अब तक सबसे ज़्यादा बिकने वाले हैंडसेट का रिकॉर्ड नोकिया 1100 के नाम है, जिसके 2003 में लांच होने के बाद 25 करोड़ से अधिक सेट बिके थे। जब यह अफ़वाह उड़ी कि नोकिया 1100 का इस्तेमाल ऑनलाइन मनी ट्रांसफर को हैक करने में हो सकता है,
तो इस फ़ोन की क़ीमत लगभग $10000 के करीब हो गई थी iPhone को जून 2007 में अमरीका में लांच किया गया था। उस समय लोग Phone लेने के लिए रातों को लाइन में लगते थे हालांकि, बाद में इससे उन्हें निराशा हाथ लगी क्योंकि यह फ़ोन उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
साल 2011 के अंत तक विकासशील देशों में लगभग 78% लोगों के पास फ़ोन था। विकसित देशों में यह आंकड़ा प्रति सौ लोगों पर 122 का था। 2011 के अंत तक India में प्रति सौ लोगों में से 74 लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसा अनुमान है कि 2016 में Mobile Phone की सालाना बिक्री क़रीब दो अरब एक करोड़ यूनिट हो जाएगी। भारत में 2015 तक मोबाइल फ़ोन की सालाना बिक्री 32.2 करोड़ यूनिट होने का अनुमान है। अपने हमारी पोस्ट “मोबाइल की खोज लक्जरी किसने बनाया” के बारे में जाना इस पॉट को दोस्तों के साथ ज़रूर साझा करे।
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